सजा बन जाती है गुजरे वक़्त की निशानियां..
ना जाने क्यों मतलब के लिए मेहरबान होते है लोग।
Saja Ban Jati hai Gujre Waqt ki Nishaaniyaan
Naa Jane Kyu Matlab ke liye Meharbaan hote hai Log !!
हमने पूछा दिवानगी क्या होती है साजन
वो बोले दिल तुम्हारा और हुकूमत हमारी
जिंदगी में बडी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार,
कि परदा गिरने के बाद भी तालीयाँ बजती रहे...।।
बिन तुम्हारे कभी नहीं आयी...
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है...!!!
हमने खामोश रहकर भी देखा है..
तेरी आवाज़ आती है..,हर साँस से...
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